लय की व्याख्या भाग २
(६) चौगुनलय
इसकी चाल न. १ वाली मध्यलय मे चौगुनी तेज होगी चूकी पहले क्रमांक की मध्यलय के १६ अक्षरों को गाने मे १६ मैकिंड लगे थे, इसलिए चौगुनीलय में १६-४-४ सैकिंड लगेगे ओर इसे ४ बार गाया जाय तब मध्यलय वाली सम पर आ जायगे ।
(७) अठगुनलय
इसकी चाल १ वाली मध्यलय से अठगुनी तेज होगी-चू कि १ की मध्यलय के इन्हीं १६ अक्षरों को इसलिये अठगुनी लय में १६-८२ सैकिंड लगेंगे और इसे मे मध्यलय वाली सम आ जायगी ।
(८) कुआडीलय
इसकी चाल न १ वाली मध्यलय से सवाई तेज होती है। इसे लिखने के लिये १ अक्षर के चार भाग मानकर प्रत्येक अक्षर के आगे SSS ऐसे ३ अवग्रह लगाये जायगे ।
(९) आड़ीलय
इसकी गति (चाल) मध्यलय नं १ से डेढ़ गुण होती है, इसे लिखने के लिये एक अक्षर के २ भाग इस लय में वे ही सोलह अक्षर १० सैकिंड में गा लिये जांयगे। क्योंकि मध्यलय १६ सैकिंड में थी, इसलिये १६:१३ = १० सैकिंड समय लगा।
( १० ) बियाड़ीलय
इस लय की गति मध्यलय नं. १ से पौने दो गुनी तेज होगी। इसे लिखने के लिये प्रत्येक अक्षर के चार भाग मानकर तीन अवग्रह SSS जोड़े जांयगे क्योंकि एक भाग स्वयं वह अक्षर होगया। इस प्रकार चार भाग होजाते हैं।इस लय में वे ही १६ अक्षर ६७ सैकिंड में गयि गये। क्योंकि मध्यलय १६ सैकिन्ड में थी और यह उसकी पौने दुगुनी तेज है तो १६:१० - ६७ सैकिन्ड ।