राग वर्णन
राग छायानट और राग कामोद दोनों ही हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महत्वपूर्ण राग हैं, जो अपनी विशेषताओं और भावनात्मक अभिव्यक्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। आइए इन दोनों रागों का विस्तृत परिचय, उनकी जाति, वादी-संवादी स्वर, गायन समय, आरोह-अवरोह, पकड़, मुख्य स्वर, न्यास स्वर, और उनके बीच की समानताएं एवं अंतर पर विचार करें।
राग छायानट:
थाट: कल्याण
जाति: सम्पूर्ण-सम्पूर्ण (आरोह और अवरोह में सभी सात स्वर)
वादी स्वर: ऋषभ (रे)
संवादी स्वर: पंचम (प)
गायन समय: रात्रि का प्रथम प्रहर
आरोह: सा, रे ग म प, ध नि सां
अवरोह: सां नि ध प, म प ध प, ग म रे सा
पकड़: रे ग म प, ध प, ग म रे सा
मुख्य स्वर: रे, ग, म, प
न्यास स्वर: रे, प
विशेषताएं:
1. छायानट राग की उत्पत्ति 'छाया' और 'नट' रागों के मिश्रण से मानी जाती है।
2. इसमें शुद्ध मध्यम का प्रयोग होता है।
3. प रे की संगति इस राग की विशेषता है, जो कर्णप्रिय होती है।
राग कामोद:
थाट: कल्याण
जाति: वक्र सम्पूर्ण
वादी स्वर: पंचम (प)
संवादी स्वर: ऋषभ (रे)
गायन समय: रात्रि का प्रथम प्रहर
आरोह: सा रे प, म प ध प, नि ध सां
अवरोह: सां नि ध प, म प ध प, ग म प, ग म रे सा
पकड़: म रे प, ग म प, ग म रे सा
मुख्य स्वर: प, रे
न्यास स्वर: प, रे याद रखने योग्य, सिर्फ आरोह में पंचम के साथ तीव्र मध्यम का प्रयोग किया जाता है। संदर्भ (raaggiri)
विशेषताएं:
1. कामोद राग में दोनों मध्यम का प्रयोग होता है।
2. इस राग में 'रे' और 'प' की संगति बार-बार दिखाई जाती है, जो इसकी पहचान है।
3. 'ग म प ग म रे सा' स्वर समूह राग वाचक है।
समानताएं:
दोनों रागों का थाट कल्याण है।
दोनों की जाति सम्पूर्ण-सम्पूर्ण है।
गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।
आरोह-अवरोह में स्वर संरचना में कुछ समानताएं हैं।
अंतर:
छायानट का वादी स्वर ऋषभ (रे) है, जबकि कामोद का वादी स्वर पंचम (प) है।
छायानट में 'प रे' की संगति प्रमुख है, जबकि कामोद में 'रे प' की संगति विशेष है।
कामोद में 'ग म प ग म रे सा' स्वर समूह राग वाचक है, जबकि छायानट में यह नहीं होता।