लाइट म्यूजिक (Sugam Sangeet) का अभ्यास कैसे करें ?

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लाइट-म्यूजिक

 लाइट म्यूजिक (Sugam Sangeet) का अभ्यास कैसे करें ?

लाइट म्यूजिक, जिसे सुगम संगीत भी कहा जाता है, शास्त्रीय संगीत की तुलना में सरल और सुलभ होता है। इसके माध्यम से न केवल लोगों का मनोरंजन किया जाता है, बल्कि यह गायक के लिए एक मजेदार और सुकून देने वाला अनुभव भी होता है। इसका अभ्यास करते समय, सही तकनीक और दृष्टिकोण अपनाना बेहद आवश्यक है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण चरण दिए गए हैं जो लाइट म्यूजिक के अभ्यास में आपकी मदद करेंगे:


1. सही गीत का चुनाव

लाइट म्यूजिक में सही गीत का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। शुरुआत में ऐसे गीतों का चयन करें जो आपकी आवाज़ और शैली के अनुकूल हों। आप शास्त्रीय या अर्धशास्त्रीय संगीत पर आधारित लाइट म्यूजिक के गीतों से शुरुआत कर सकते हैं, जैसे भजन, ग़ज़ल, या फिल्मी गीत।


2. आवाज़ का उचित विकास

लाइट म्यूजिक में मधुर आवाज़ और भावनाओं की अभिव्यक्ति बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसके लिए रोजाना सुरों का अभ्यास करें। आवाज़ की ताकत, लचीलापन और मधुरता को बढ़ाने के लिए सा-रे-गा-मा का नियमित अभ्यास करें। साथ ही, अलग-अलग ऊँचाई और मात्रा में आवाज़ का प्रयोग करना सीखें।

3. लय और ताल का अभ्यास

लाइट म्यूजिक में ताल का पालन शास्त्रीय संगीत की तरह सख्त नहीं होता, लेकिन इसका अभ्यास करना ज़रूरी है। मध्यम और धीमी गति में गीतों का अभ्यास करें ताकि ताल और लय का सही उपयोग कर सकें। आप तबला या म्यूजिक ट्रैक्स का उपयोग करके गीतों के ताल के साथ अभ्यास कर सकते हैं।


4. सुनना और सीखना

लाइट म्यूजिक को बेहतर तरीके से समझने के लिए नियमित रूप से संगीत सुनना बेहद जरूरी है। पुराने और नए दोनों प्रकार के लाइट म्यूजिक गीतों को सुनें। महान गायक जैसे लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, जगजीत सिंह की गायिकी को सुनें और उनके द्वारा अपनाई गई बारीकियों को नोट करें।


5. भावनाओं की अभिव्यक्ति

लाइट म्यूजिक का एक बड़ा हिस्सा भावनाओं की अभिव्यक्ति है। गीत के बोलों को सही तरह से महसूस करें और उनमें छिपी भावनाओं को समझें। शब्दों की गहराई में जाकर उन्हें दिल से गाने का प्रयास करें। यह श्रोता के साथ गहरे जुड़ाव का निर्माण करेगा।


6. स्वर-संगति और स्वर का सही प्रयोग

लाइट म्यूजिक में हार्मनी (स्वर-संगति) का उपयोग महत्वपूर्ण होता है। यह संगीत को अधिक मधुर और आकर्षक बनाता है। इसलिए, स्वर का सही उपयोग और सटीक सुर लगाना जरूरी है। अगर संभव हो तो हार्मोनियम या की-बोर्ड की सहायता से सुरों का सही अभ्यास करें।


7. आत्मविश्वास और प्रस्तुति कौशल

अभ्यास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है आत्मविश्वास और प्रस्तुति कौशल का विकास। अपनी प्रैक्टिस के दौरान लाइव परफॉर्मेंस जैसा माहौल बनाएं। सही स्टेज प्रेज़ेंस और आत्मविश्वास से भरी प्रस्तुति देने का अभ्यास करें। यह आपके अंदर छिपे कलाकार को निखारने में मदद करेगा।


8. रिकॉर्डिंग और आत्म-मूल्यांकन

अपनी प्रैक्टिस के दौरान खुद को रिकॉर्ड करें और बाद में उसे सुनें। यह आपकी गलतियों को पहचानने और उन्हें सुधारने का एक बेहतरीन तरीका है। स्वर, ताल, और भावनात्मक अभिव्यक्ति के बारे में खुद का आकलन करें।


9. रचनात्मकता का प्रयोग

लाइट म्यूजिक में आपकी रचनात्मकता का बहुत महत्व है। गायन के दौरान कुछ नए अंदाज में प्रस्तुति देना और अपनी शैली को शामिल करना आपको विशेष बनाएगा। इसलिए, गानों के साथ प्रयोग करें और उन्हें अपने तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास करें।


निष्कर्ष

लाइट म्यूजिक का अभ्यास करने के लिए नियमितता, धैर्य, और सटीकता की आवश्यकता होती है। अपनी गायिकी में भावनाओं की सही अभिव्यक्ति, स्वरों की मधुरता और ताल का सही तालमेल रखने से आप एक कुशल गायक बन सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि संगीत का आनंद लें और हर दिन कुछ नया सीखने का प्रयास करें।

संगीत सीखना एक साधना है, और लाइट म्यूजिक भी उसी साधना का एक हिस्सा है जो आपके भीतर के संगीत प्रेमी को निखारने में मदद करता है।


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