तबला घराना : बनारस और पंजाब

0

बनारस-पंजाब

तबला घराना 

बनारस और पंजाब

 बनारस घराना

                     बनारस निवासी पंडित राम सहाय ने लखनऊ घराने के उस्ताद मोंदू खाँ से तबला वादन की शिक्षा ली थी। कालांतर में राम सहाय ने अपनी प्रतिभा से एक नवीन और मौलिक वादन शैली का निर्माण किया, जिसकी शिक्षा उन्होंने अपने भाई, भतीजों और शिष्यों को दी और इस प्रकार एक विशिष्ट वादन शैली 'बनारस बाज' के रूप में स्थापित हुई। बनारस बाज की वादन शैली में पखावज के मुक्त प्रहार वाले बोलों का आधिक्य दिखाई देता है। पखावज का प्रभाव होने के कारण पेशकार और कायदे के स्थान पर उठान से तबला वादन आरंभ किया जाता है। इसके अतिरिक्त छंद, गत, परन, गत-परन, फ़र्द, चक्करदार रचनाओं के साथ-साथ देवी-देवताओं की स्तुति परनों का वादन इस घराने की प्रमुख विशेषताएँ हैं। बनारस बाज में पूरब बाज के सभी बोलों का प्रयोग करते हुए नाड़ा, धाड़ा, धाड़ागिन, ताड़ागिन आदि बोलों का भी व्यवहार किया जाता है। इस घराने में राम शरण मिश्र, प्रताप महाराज, भैरव सहाय, बिक्कू महाराज, कंठे महाराज, अनोखे लाल मिश्र, सामता प्रसाद, किशन महाराज आदि महान ताबलिक हुए हैं।


पंजाब घराना

                  ऐसी मान्यता है कि पंजाब के पुराने तबला वादकों ने पखावज के ही बोलों के निकास में परिवर्तन करके तबला वादन की एक पृथक शैली का निर्माण किया, जोकि कालांतर में 'पंजाब बाज' के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस बाज पर पखावज की वादन शैली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है।


                   इस घराने के संस्थापक लाला भवानी दास उर्फ़ भवानीदीन उर्फ भवानी सिंह हैं। भवानी सिंह और दिल्ली घराने के संस्थापक सिद्धार खाँ समकालीन माने जाते हैं। लाला भवानी सिंह ने ताज खाँ, हद्दू खाँ, कादिर बख्श जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों को तैयार किया, जिन्होंने आगे चलकर पंजाब घराने को विस्तार दिया। इसके अतिरिक्त इन्होने कई पखावज के कलाकारों को भी शिक्षा दी जिनमें ग्वालियर के कुदऊ सिंह और जोधसिंह प्रमुख हैं। पखावज से प्रभावित होने के कारण यह बाज जोरदार और खुला है। चारों अँगुलियों के साथ तबले पर थाप का प्रहार किया जाता है। बड़ी-बड़ी गतें, परनें, चक्करदार गतें, चक्करदार परने तथा लयकारियों से युक्त तिहाइयों का प्रयोग इस घराने की प्रमुख विशेषताएँ हैं। इस घराने के कुछ प्रसिद्ध कलाकारों में हुसैन बख्श, फकीर बख्श, करम इलाही, अल्ला रक्खा, जाकिर हुसैन, योगेश समसी आदि प्रमुख हैं।


संगीत जगत ई-जर्नल आपके लिए ऐसी कई महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ लेके आ रहा है। हमसे फ्री में जुड़ने के लिए नीचे दिए गए सोशल मीडिया बटन पर क्लिक करके अभी जॉईन कीजिए।

संगीत की हर परीक्षा में आनेवाले महत्वपूर्ण विषयोंका विस्तृत विवेचन
WhatsApp GroupJoin Now
Telegram GroupJoin Now
Please Follow on FacebookFacebook
Please Follow on InstagramInstagram
Please Subscribe on YouTubeYouTube

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top