भारतीय सिनेमा में लाइट म्यूजिक का विकास

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भारतीय सिनेमा में लाइट म्यूजिक का विकास

भारतीय सिनेमा में लाइट म्यूजिक यानी सुगम संगीत का सफर बेहद रोचक और विविधतापूर्ण रहा है। समय के साथ इस संगीत शैली ने न केवल लोकप्रियता हासिल की, बल्कि भारतीय संगीत के व्यापक परिदृश्य में अपनी महत्वपूर्ण जगह भी बनाई। लाइट म्यूजिक का भारतीय सिनेमा में योगदान और इसका विकास अनेक दौरों से होकर गुजरा है। इस ब्लॉग में हम लाइट म्यूजिक की यात्रा और इसके प्रमुख पहलुओं पर चर्चा करेंगे।



1. लाइट म्यूजिक का प्रारंभिक दौर

भारतीय सिनेमा में लाइट म्यूजिक का आगमन 1930 के दशक में हुआ, जब पहली बार फिल्मों में संवादों और भावनाओं को संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इस दौर में के.एल. सहगल जैसे महान गायकों ने गहरी भावनाओं को सुरीले अंदाज़ में पेश करके दर्शकों को आकर्षित किया।


2. संगीतकारों का योगदान

लाइट म्यूजिक को लोकप्रिय बनाने में नौशाद, एस.डी. बर्मन, और शंकर-जयकिशन जैसे संगीतकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने शास्त्रीय और लोक संगीत के तत्वों को सुगम संगीत के साथ जोड़कर, ऐसे गीतों का निर्माण किया जो सरल, सुगम और व्यापक दर्शक वर्ग के लिए आकर्षक थे।


3. रागों का प्रभाव

भारतीय सिनेमा के लाइट म्यूजिक पर शास्त्रीय संगीत का गहरा प्रभाव है। कई लोकप्रिय गीत राग आधारित होते हैं, जो उन्हें गहराई और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करते हैं। जैसे, "मोहे पनघट पे" (मुगल-ए-आज़म) जैसे गीत राग भैरव से प्रेरित हैं, जिससे गीत में एक अद्वितीय सुंदरता और मधुरता आई।


4. आधुनिक दौर में लाइट म्यूजिक

समकालीन भारतीय सिनेमा में लाइट म्यूजिक की शैली में परिवर्तन आया है, लेकिन इसका मूल सार आज भी बरकरार है। आज के संगीतकार इलेक्ट्रॉनिक संगीत को मिलाकर लाइट म्यूजिक को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। ए.आर. रहमान, प्रीतम, और अमित त्रिवेदी जैसे संगीतकारों ने लाइट म्यूजिक को आधुनिक दृष्टिकोण दिया है, जो युवा पीढ़ी के साथ भी गहरा संबंध स्थापित करता है।


5. लाइट म्यूजिक की विशिष्टता

लाइट म्यूजिक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बेहद सुगम, सरल और भावपूर्ण होता है, जिससे यह सभी उम्र के लोगों के लिए आकर्षक बन जाता है। यह शैली दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने में सक्षम होती है और इसी कारण से यह समय के साथ इतनी लोकप्रिय रही है।


निष्कर्ष

लाइट म्यूजिक का भारतीय सिनेमा में अनमोल योगदान है। यह न केवल भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि इसने श्रोताओं के दिलों को छूने वाले अनगिनत गीतों की एक अनोखी धरोहर भी बनाई है। लाइट म्यूजिक का यह सफर आने वाले समय में भी नए प्रयोगों के साथ जारी रहेगा और भारतीय सिनेमा के संगीत को एक अनोखी दिशा देगा।


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